रमाकली एक बूढ़ी(old) गरीब महिला है, उसका इस दुनिया में कोई नहीं है, वह घूम-घूम कर भीख मांगती है और उसी से अपना गुजारा करती है, जो पैसे मिलते हैं, उसी से भोजन का इंतजाम करती है और कुछ पैसे बचा भी लेती है, बचे हुए पैसे वह अपने एक पुराने से बक्से में जमा कर देती है, एक दिन की बात है, वह भीख मांगकर अपनी झोपड़ी की तरफ वापस जा रही थी, तभी उसे एक बच्चे की रोने की आवाज सुनाई दी, उसने देखा सड़क के किनारे एक मासूम बच्चा खड़ा है, जो जोर-जोर से रो रहा था, वह बूढ़ी उसके पास गई और सर पर हाथ फेरकर चुप कराया उसे बच्चे पर दया आ गई और उसे गोद में उठाकर अपनी झोपड़ीनुमा घर में ले आई, अगले दिन उसने बच्चे को नहलाकर उसके लिए खाना बनाया और उसे अपने हाथों से बड़े प्रेम से खिलाया, बच्चे ने भी खुशी-खुशी खाना खाया, उसका भीख मांगने का समय हो गया था, बूढ़ी रमाकली ने सोचा बच्चे को घर में अकेला छोड़ना ठीक नहीं होगा इसलिए उसने बच्चे को अपने साथ ही ले लिया, भीख मांगते -मांगते वह एक कोठी पर पहुंची, उसने गेट खटखटाया कुछ देर बाद एक कीमती साड़ी पहने एक महिला बाहर आई भीख देने के बाद उसकी नजर उस बच्चे पर पड़ी उसे देखते ही रश्मि बोल उठी ये तो मेरा रवि है, रश्मि ने कहा ये तुम्हें कहां मिला, हमने रवि को कहाँ-कहाँ नहीं खोजा। बूढ़ी भिखारिन ने कहा, जी सड़क किनारे जोर जोर से रो रहा था,मुझे दया आ गई इसलिए मैं इसे अपने साथ ले गई। वह भिखारिन कब वहां से चली गई रश्मि को इसका भान ही नहीं हुआ,वह उसे थैंक्स भी नहीं बोल पाई। कुछ दिन बीते ही थे कि रवि बीमार पड़ गया, रश्मि और उसके पति ने डॉक्टर को बुलाया इलाज शुरू हुआ,लेकिन रवि को आराम नहीं मिल रहा था, अब क्या करें रश्मि को कुछ समझ नहीं आ रहा था। एक दिन वह बूढी रमाकली रश्मि की कोठी पर फिर भीख मांगने आई शायद रवि के प्रति ममता उसे वहां खींच लाई थी, उसने रश्मि से पूछा रवि कैसा है, जैसे ही उसे पता चला कि रवि बीमार है, वह बोली- सेठानी, लल्ला बीमार है, लेकिन वह बीमार कैसे पड़ा, उसने रवि से मिलने की इच्छा जताई, रश्मि उसे अंदर ले आई, बूढ़ी रमाकली ने रवि के सर पर हाथ रखा और प्यार से सहलाया, ये क्या उस बूढी के हाथ फेरते ही रवि की आंख खुल गई और कुछ ही देर बाद वह ठीक होने लगा। रश्मि ने पूछा तुम्हारे हाथ में ऐसा क्या है जो महंगी से महंगी दवा भी नहीं कर पाई, बूढ़ी रमाकली बोली- नहीं सेठानी जादू कुछ नहीं है, ये तो ममता की करामात है, जिसने रवि को ठीक कर दिया। आज एक पढ़ी लिखी(educated) माँ को एक अनपढ़, गरीब(poor) लेकिन दिल की अमीर(rich by heart) रमाकली ने ममता का पाठ(lesson) पढ़ा दिया था।
-प्रदीप प्रकाश
Blogger #makeslifesaral.com
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