जीवन को होशपूर्वक जीएं हम जीवन में सभी कार्य बस यूं ही करते जाते हैं यंत्र की भांति हमें पता ही नहीं होता कि हम वह कार्य क्यों कर रहे हैं, उसको करने का उद्देश्य क्या है हमें नहीं पता होता, कोई हमसे कहता है कि यह कार्य कर लो क्योंकि सभी लोग यही कार्य कर रहे हैं अतः तुम भी यही करो, बिना यह जाने कि उस व्यक्ति की इसमें रूचि है भी कि नहीं वह इस कार्य को लंबे समय तक कर भी पाएगा कि नहीं और आप भी चुपचाप उस कार्य को करने लग जाते हैं, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि होश की कमी है यदि होश होता तब थोड़े आप चुपचाप मान लेते। हम जीवन में सभी कार्य बस यूं ही करते जाते हैं यंत्र की भांति हमें पता ही नहीं होता कि हम वह कार्य क्यों कर रहे हैं, उसको करने का उद्देश्य क्या है हमें नहीं पता होता, कोई हमसे कहता है कि यह कार्य कर लो क्योंकि सभी लोग यही कार्य कर रहे हैं अतः तुम भी यही करो, बिना यह जाने कि उस व्यक्ति की इसमें रूचि है भी कि नहीं वह इस कार्य को लंबे समय तक कर भी पाएगा कि नहीं और आप भी चुपचाप उस कार्य को करने लग जाते हैं, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि होश क...